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अमेरिकी संसद में ट्रंप ने की भारतीय इंजिनियर की हत्या की निंदा, IS को मिटाने का भी लिया संकल्प

वॉशिंगटन

40 दिन पुराने ट्रंप प्रशासन की जिस एक बात को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना हुई और जिस एक फैसले पर उन्हें सबसे ज्यादा विरोध झेलना पड़ा, वह है विवादित इमिग्रेशन पॉलिसी। जाहिर है कि मंगलवार को जब राष्ट्रपति ट्रंप पहली बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए मंच पर आए, तो उनसे इस मुद्दे पर बोलने की उम्मीद की जा रही थी। अमेरिका को फिर से महान बनाने और 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति का समर्थन करने के साथ-साथ ट्रंप ने अपने इस संबोधन में इमिग्रेशन पॉलिसी में प्रस्तावित बदलावों का भी कई तरीके से बचाव किया। साथ ही, उन्होंने इस्लामिक स्टेट (ISIS) को भी बर्बाद करने का संकल्प जताया। कैंजस में एक अमेरिकी श्वेत नागरिक द्वारा कथित तौर पर 'आतंकवादी' और 'मेरे देश से बाहर चले जाओ' कहकर गोली मार दिए गए भारतीय इंजिनियर श्रीनिवास कूचिबोतले की हत्या पर भी राष्ट्रपति ट्रंप ने संवेदना जताई।

ट्रंप ने इस घटना की निंदा भी की, लेकिन दूसरी तरफ वह बार-बार अर्थव्यवस्था सुधारने, बेरोजगारी खत्म करने और आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए अपनी इमिग्रेशन नीति का समर्थन करते भी नजर आए। ट्रंप ने कहा कि वह इमिग्रेशन नीतियों को और सख्त बनाएंगे।

फिर से दोहराया, 'अमेरिका फर्स्ट'
अमेरिका को फिर से महान बनाने की बात करते हुए ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका को चाहिए कि वह अपने नागरिकों को सबसे पहले रखे। ऐसा करके ही हम अमेरिका को एक बार फिर महान बना सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'अमेरिकी सामान खरीदो, अमेरिकी नागरिकों को नौकरी दो।' संसद के इस संयुक्त सत्र का एक अहम पल वह भी था जब सभी सांसदों ने कैंजस गोलीबारी में मारे गए भारतीय इंजिनियर को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा। हाल में अमेरिका के कई हिस्सों में यहूदी केंद्रों पर हुए हमलों की भी राष्ट्रपति ट्रंप ने निंदा की। उन्होंने कहा कि नफरत के खिलाफ पूरा अमेरिका एकजुट है।


अपनी विवादित इमिग्रेशन नीति का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सख्त इमिग्रेशन कानून बनाने और सीमाओं को और सुरक्षित करने का असर अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी पर पड़ेगा और उनकी स्थिति बेहतर होगी। राष्ट्रपति ने कहा, 'अमेरिका को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खतरे से सुरक्षित करने के लिए प्रशासन ने ये कदम उठाए।' ट्रंप ने कहा कि इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव करने से अमेरिका में बेरोजगारी घटेगी और लोगों को बेहतर वेतन मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा, 'ऐसी जगह से लोगों को अपने देश में आने देना जहां उनके जांच-पड़ताल की कोई व्यवस्था नहीं होती, दया और परोपकार नहीं है, बल्कि यह तो लापरवाही है।'

इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव की बात करते हुए ट्रंप ने कहा, 'कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में योग्यता के आधार पर इमिग्रेशन को मंजूरी देने की व्यवस्था है। ऐसा होना भी चाहिए। कोई भी ऐसा इंसान जो किसी और देश में प्रवेश करने जा रहा है और वहां काम करके अपनी रोजी-रोटी कमाने वाला है, उसकी योग्यता को आंकने के बाद उसे प्रवेश देना गलत नहीं है। हम कम प्रशिक्षित लोगों को अमेरिका में प्रवेश देने की अपनी आदत को बदलने जा रहे हैं। हम व्यवस्था पर आधारित इमिग्रेशन सिस्टम विकसित करेंगे। इमिग्रेशन कानून को लागू करने पर अमेरिकी जनता का वेतन बढ़ेगा, बेरोजगारों को मदद मिलेगी, अरबों डॉलर्स की बचत होगी और हमारा समाज ज्यादा सुरक्षित हो सकेगा।'

ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका को कट्टरपंथियों की शरणगाह नहीं बनने दे सकते हैं। ट्रंप ने दुनिया के मुस्लिम देशों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें कट्टरपंथ और आतंकवाद को खत्म करने की मुहिम में सहयोग करना चाहिए। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि उनकी सरकार सत्ता संभालने के बाद इस्लामिक स्टेट (ISIS) को खत्म करने के मकसद को वरीयता देगी। मंगलवार के अपने संबोधन के दौरान भी ट्रंप ने IS को बर्बाद करने का संकल्प जताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि इसके लिए अमेरिका को अपने मुस्लिम सहयोगी देशों की भी मदद चाहिए। आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा, 'कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद से अपने देश की हिफाजत करने के लिए हम कठोर कदम उठा रहे हैं। ISIS मुस्लिमों, ईसाइयों और हर धर्म और संप्रदाय के लोगों की हत्या करता है। हम अपने सहयोगी मुस्लिम देशों की मदद से IS को बर्बाद और खत्म करने की प्रतिज्ञा करते हैं।'

मेक्सिको से सटी अपनी सीमा पर दीवार बनाने की बात को फिर से दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, 'मैंने इसके बारे में अपने चुनाव अभियान के दौरान कई बार बात की थी। अब मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि जल्द ही अपनी दक्षिणी सीमा पर एक बड़ी दीवार का निर्माण करने जा रहे हैं। इससे हमारी सीमाएं सुरक्षित होंगी।' मेक्सिको सीमा पर दीवार निर्माण की उनकी घोषणा का स्वागत रिपब्लिकन सांसदों ने ताली बजाकर किया।

अपने एक अहम चुनावी वादे पर अमल करते हुए ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू किए गए 'ओबामा केयर' स्वास्थ्य प्रोग्रैम को खत्म करने की घोषणा की। ट्रंप ने 'ओबामा केयर' को एक बड़ी परेशानी बताया। 20 जनवरी को सत्ता संभालने वाले ट्रंप की सरकार अभी 39 दिन पुरानी है। अपने अबतक किए गए कामों के आधार पर राष्ट्रपति ने अपनी सरकार को ग्रेड दिया। उन्होंने कहा, 'अमेरिका की हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। अमेरिका की हर परेशानी को दूर किया जा सकता है।' ट्रंप ने कहा, 'सभी बातों से बढ़कर हम अमेरिकी जनता से किए गए अपने वादों को निभाएंगे।'

ट्रंप ने अपने संबोधन में कई बार अमेरिका में फैली बेरोजगारी का जिक्र किया। अमेरीकी अर्थव्यवस्था उनके इस संबोधन में अहम मुद्दा बनकर उभरा। उन्होंने अमेरिकी कंपनियों के ऊपर लगने वाले ऊंचे टैक्स दरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वदेशी कंपनियों को कारोबार करने में सहूलियत देने के साथ-साथ उन्हें टैक्स में भी राहत देनी चाहिए। ट्रंप ने कहा, 'मैं फ्री ट्रेड का समर्थन करता हूं, लेकिन इसे फेयर ट्रेड भी होना चाहिए। अगर हम अपने बाजार को सुरक्षा नहीं देंगे, तो यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं होगा।' साथ ही, ट्रंप ने शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव लाए जाने की बात की। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा हासिल कर अच्छी नौकरी पाना हर किसी का अधिकार है।
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