गोवा में सरकार गठन को लेकर बीजेपी का रास्ता साफ हो गया : कांग्रेस से सवाल किया कि उस पक्त आप कहां थे जब मनोहर पर्रिकर ने सरकार बनाने का दावा किया
नई दिल्ली
गोवा में सरकार
गठन को लेकर
बीजेपी का रास्ता
साफ हो गया
है। सुप्रीम कोर्ट
ने कांग्रेस की
दलील को खारिज
करते हुए स्टे
लगाने से इनकार
कर दिया है।
देश की सबसे
बड़ी अदालत ने
स्पष्ट किया कि
सरकार बनाने के
लिए न्योता देना
गवर्नर का विशेषाधिकार
है। साथ ही
कांग्रेस से सवाल
किया कि उस
पक्त आप कहां
थे जब मनोहर
पर्रिकर ने सरकार
बनाने का दावा
किया? याचिका में
विधायकों के समर्थन
की बात क्यों
नहीं कही? कोर्ट
ने कहा कि
बहुमत का परीक्षण
विधानसभा में होगा।
कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि गवर्नर ने सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सरकार गठन पर कांग्रेस की राय नहीं ली। पूर्व अटर्नी जनरल हरीश साल्वे ने इस मामले पर सरकार का पक्ष रखा। कांग्रेस ने कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के बीजेपी दावे को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दो जजों की बेंच ने सुबह 11 बजे इस याचिका की सुनवाई शुरू की। कांग्रेस ने मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के साथ संसद में भी उठाया। हंगामे के बाद कांग्रेस के सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट किया।
गौरतलब है कि रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी ने गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को गोवा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया। साथ ही उन्हें गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। यहां चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि गवर्नर ने सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सरकार गठन पर कांग्रेस की राय नहीं ली। पूर्व अटर्नी जनरल हरीश साल्वे ने इस मामले पर सरकार का पक्ष रखा। कांग्रेस ने कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के बीजेपी दावे को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दो जजों की बेंच ने सुबह 11 बजे इस याचिका की सुनवाई शुरू की। कांग्रेस ने मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के साथ संसद में भी उठाया। हंगामे के बाद कांग्रेस के सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट किया।
गौरतलब है कि रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी ने गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को गोवा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया। साथ ही उन्हें गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। यहां चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
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