दक्षिण-पूर्व रेलवे के
लिए मंगलवार की
रात बहुत खास
थी। इसकी खासियत
यह थी कि
उनकी एक ट्रेन
में रेलवे के
पूर्व कर्मी और
पूर्व भारतीय कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी
सफर कर रहे
थे। धोनी ने
यहां विजय हजारे
ट्रोफी में हिस्सा
लेने के लिए
झारखंड वनडे क्रिकेट
टीम के साथ
रांची से हावड़ा
की यात्रा ट्रेन
से करने को
प्राथमिकता दी। इसके
साथ ही धोनी
के 2000 के दशक
के संघर्ष के
शुरुआती वर्षों की यादें
ताजा हो गई,
जब वह खड़गपुर
में टिकट इंस्पेक्टर
थे।
भारत के सबसे सफल कप्तान धोनी ने 18,616 क्रिया योग एक्सप्रेस के सेकंड एसी में यात्रा की। विजय हजारे ट्रोफी में झारखंड की अगुआई कर रहे धोनी ने 13 साल बाद ट्रेन की यात्रा करते हुए कोई विशेष सेवा नहीं मांगी। दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया, 'उन्होंने (झारखंड ने) विशेष कोच आरक्षित नहीं कराया था और धोनी ने अपनी टीम और अन्य सवारियों के साथ सेकंड एसी में यात्रा की। उन्होंने धोनी सहित 23 यात्रियों की बुकिंग कराई थी।'
धोनी क्रिया योगी एक्सप्रेस में रांची में रात 9 बजकर 40 मिनट पर बैठे और हावड़ा स्टेशन पर सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर उतरे। वह खड़गपुर आज सुबह चार बजकर 15 मिनट पर पहुंचे थे। धोनी ने इस दौरान सोशल नेटवर्क पर अपने करोड़ों प्रशंसकों के लिए सोशल वेबसाइट इंस्टाग्राम पर सेल्फी भी डाली। घोष ने कहा, 'हमें इसकी पहले से जानकारी थी। इसलिए हमने कल रात रांची में और आज सुबह हावड़ा में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे।'
भारत के सबसे सफल कप्तान धोनी ने 18,616 क्रिया योग एक्सप्रेस के सेकंड एसी में यात्रा की। विजय हजारे ट्रोफी में झारखंड की अगुआई कर रहे धोनी ने 13 साल बाद ट्रेन की यात्रा करते हुए कोई विशेष सेवा नहीं मांगी। दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया, 'उन्होंने (झारखंड ने) विशेष कोच आरक्षित नहीं कराया था और धोनी ने अपनी टीम और अन्य सवारियों के साथ सेकंड एसी में यात्रा की। उन्होंने धोनी सहित 23 यात्रियों की बुकिंग कराई थी।'
धोनी क्रिया योगी एक्सप्रेस में रांची में रात 9 बजकर 40 मिनट पर बैठे और हावड़ा स्टेशन पर सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर उतरे। वह खड़गपुर आज सुबह चार बजकर 15 मिनट पर पहुंचे थे। धोनी ने इस दौरान सोशल नेटवर्क पर अपने करोड़ों प्रशंसकों के लिए सोशल वेबसाइट इंस्टाग्राम पर सेल्फी भी डाली। घोष ने कहा, 'हमें इसकी पहले से जानकारी थी। इसलिए हमने कल रात रांची में और आज सुबह हावड़ा में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे।'
जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष
ने बताया कि
उनके पास धोनी
की इस यात्रा
को लेकर पहले
से सूचना थी,
इसलिए उन्होंने वर्ल्ड
कप विजेता कप्तान
की सुरक्षा के
मद्देनजर रांची और हावड़ा
में सुरक्षा के
पुख्ता इंतजाम कर रखे
थे।
भारतीय टीम के लिए खेलन से पहले धोनी दक्षिण पूर्व रेलवे में ही सितंबर 2001 से जुलाई 2004 तक टीटीई के पद पर थे। धोनी के संघर्णपूर्ण जीवन का यह क्षण उन पर बनी बायोपिक फिल्म 'एमएस धोनी' में भी दिखाया गया है।
घोष ने कहा कि रेलवे भारत की लाइफलाइन है और देश का हर नागरिक कभी न कभी रेलवे से सफर करता है। यह धोनी की उदारता ही है कि उन्होंने फ्लाइट की जगह रेल को चुना। धोनी ने भारतीय टीम के सभी फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने के बाद अपने गृह राज्य झारखंड की कप्तानी के लिए चुना गया है। 25 फरवरी से विजय हजारे ट्रोफी के लिए झारखंड को सीरीज का अपना पहला वनडे मैच कर्नाटक से खेलना है।
भारतीय टीम के लिए खेलन से पहले धोनी दक्षिण पूर्व रेलवे में ही सितंबर 2001 से जुलाई 2004 तक टीटीई के पद पर थे। धोनी के संघर्णपूर्ण जीवन का यह क्षण उन पर बनी बायोपिक फिल्म 'एमएस धोनी' में भी दिखाया गया है।
घोष ने कहा कि रेलवे भारत की लाइफलाइन है और देश का हर नागरिक कभी न कभी रेलवे से सफर करता है। यह धोनी की उदारता ही है कि उन्होंने फ्लाइट की जगह रेल को चुना। धोनी ने भारतीय टीम के सभी फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने के बाद अपने गृह राज्य झारखंड की कप्तानी के लिए चुना गया है। 25 फरवरी से विजय हजारे ट्रोफी के लिए झारखंड को सीरीज का अपना पहला वनडे मैच कर्नाटक से खेलना है।
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