मुंबई
जाकिर नाइक के NGO के मुख्य वित्तीय अधिकारी आमिर गजदार की गिरफ्तारी के 3 दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस मामले की तफ्तीश के सूत्र पाकिस्तान से जुड़ते हुए दिख रहे हैं। जाकिर के गैर-सरकारी संगठन 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' (IRF) पर हवाला कारोबार में शामिल होने का आरोप है। इस मामले की जांच फिलहाल पाकिस्तान और दाऊद गिरोह की ओर मुड़ गई है। अगर आशंकाएं सही साबित हुईं, तो यह भारत में सक्रिय बड़े हवाला कारोबार में से एक हो सकता है। ED फिलहाल कराची के कुछ कारोबारियों की पड़ताल कर रहा है। ये कारोबारी दाऊद के करीबी बताए जाते हैं। इन कारोबारियों ने हाल ही में नाइक के NGO के बैंक खातों में काफी पैसा डाला था।
जाकिर नाइक के NGO के मुख्य वित्तीय अधिकारी आमिर गजदार की गिरफ्तारी के 3 दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस मामले की तफ्तीश के सूत्र पाकिस्तान से जुड़ते हुए दिख रहे हैं। जाकिर के गैर-सरकारी संगठन 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' (IRF) पर हवाला कारोबार में शामिल होने का आरोप है। इस मामले की जांच फिलहाल पाकिस्तान और दाऊद गिरोह की ओर मुड़ गई है। अगर आशंकाएं सही साबित हुईं, तो यह भारत में सक्रिय बड़े हवाला कारोबार में से एक हो सकता है। ED फिलहाल कराची के कुछ कारोबारियों की पड़ताल कर रहा है। ये कारोबारी दाऊद के करीबी बताए जाते हैं। इन कारोबारियों ने हाल ही में नाइक के NGO के बैंक खातों में काफी पैसा डाला था।
जांच में आए
इस नए मोड़
पर नाइक और
IRF अधिकारियों से कोई
प्रतिक्रिया नहीं मिल
पाई है। ED अधिकारियों
का कहना है
कि गजदार पाकिस्तान
और दुबई से
होने वाले वित्तीय
लेनदेन को संभालता
था। अधिकारियों का
कहना है कि
IRF की ओर से
इन फंडिंग्स के
स्रोत को छुपाने
की कोशिश भी
की गई। ED के
एक वरिष्ठ अधिकारी
ने बताया, 'हम
इस बात की
जांच कर रहे
हैं कि क्या
सामाजिक कार्यों से जुड़े
संगठन की आड़
में जाकिर नाइक
के NGO का पाकिस्तान
के आतंकवादी संगठनों
के साथ कोई
संबंध था? दाऊद
इब्राहिम के करीबी
समझे जाने वाले
कारोबारियों ने नाइक
के संगठन में
पैसा ट्रांसफर किया।
इस पहलू की
भी जांच की
जा रही है।'
अधिकारी ने बताया
कि यह पैसा
गैरकानूनी तरीके से सऊदी
अरब, ब्रिटेन और
कुछ छोटे अफ्रीकी
देशों से रूट
करके IRF के खातों
में भेजा गया
था।
ED और खुफिया विभाग (IB), दोनों ही विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे लेनदेन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के एक हवाला डीलर सुल्तान अहमद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई। IB के एक सूत्र ने बताया, 'साल 2012 में सुल्तान अहमद की दुबई में जाकिर नाइक से मुलाकात हुई। उसके बाद से ही नाइक को ब्रिटेन और कुछ अफ्रीकी देशों में कई स्रोतों से फंड मिलने लगा। हमें शक है कि दाऊद के गिरोह से जुड़े कुछ लोग जाकिर के NGO में हवाला के जरिये यह पैसा भेज रहे थे।'
IB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी जांच में फिलहाल कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है, जिससे किसी निर्णायक नतीजे पर पहुंचा जा सके, लेकिन अभी तक हुई जांच से लगता है कि पाकिस्तान में जाकिर के संपर्क और वित्तीय हित, दोनों हैं। सूत्रों के मुताबिक, गजदार से हुई पूछताछ में पता चला है कि IRF के खातों में पैसा आने के बाद उसे कई जगहों पर भेजा जाता था। ED के मुताबिक, IRF को मिल रहे फंड के स्रोत को छुपाने के लिए गजदार ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं थीं। ED के वकील हितेन वेनेगावकर ने बताया, 'गजदार कम से कम 6 कंपनियों का निदेशक था। इनमें से 4 कंपनियां भारत की हैं और दो विदेशी हैं। इनमें से एक कंपनी जाकिर के भाषणों के संपादन और प्रसारण का काम करती थी।'
ED और खुफिया विभाग (IB), दोनों ही विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे लेनदेन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के एक हवाला डीलर सुल्तान अहमद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई। IB के एक सूत्र ने बताया, 'साल 2012 में सुल्तान अहमद की दुबई में जाकिर नाइक से मुलाकात हुई। उसके बाद से ही नाइक को ब्रिटेन और कुछ अफ्रीकी देशों में कई स्रोतों से फंड मिलने लगा। हमें शक है कि दाऊद के गिरोह से जुड़े कुछ लोग जाकिर के NGO में हवाला के जरिये यह पैसा भेज रहे थे।'
IB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी जांच में फिलहाल कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है, जिससे किसी निर्णायक नतीजे पर पहुंचा जा सके, लेकिन अभी तक हुई जांच से लगता है कि पाकिस्तान में जाकिर के संपर्क और वित्तीय हित, दोनों हैं। सूत्रों के मुताबिक, गजदार से हुई पूछताछ में पता चला है कि IRF के खातों में पैसा आने के बाद उसे कई जगहों पर भेजा जाता था। ED के मुताबिक, IRF को मिल रहे फंड के स्रोत को छुपाने के लिए गजदार ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं थीं। ED के वकील हितेन वेनेगावकर ने बताया, 'गजदार कम से कम 6 कंपनियों का निदेशक था। इनमें से 4 कंपनियां भारत की हैं और दो विदेशी हैं। इनमें से एक कंपनी जाकिर के भाषणों के संपादन और प्रसारण का काम करती थी।'
बताया जाता है कि सऊदी के कई प्रभावशाली लोगों के साथ भी जाकिर के संबंध हैं। इसपर भी आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। IB के एक सूत्र ने बताया, 'IRF की प्रचार सामग्री को सऊदी स्थित दारुस्सलम पब्लिकेशन में छापा जाता था।'
0 comments:
Post a Comment