Advertisement

महिला दिन के अवसर पर वोक्हार्ट हॉस्पिटल मे "माय लाईफ माय राईटस " मिशन की शुरुआत

मुंबई: वर्तमान मे  महिलाओं के लिए विविध कानून अस्तित्व मे  चुके है, परंतु इन क़ानूनी  विषयों का २० प्रतिशद से कम महिलाओं कों ज्ञान है। अपने घर मे अथवा पडोसी मे कुछ पारिवारिक हिंसा के बाद ही महिलाए भाग-दौड़ करती है, और अधिक समय तक परेशानी हो जाती है। मुंबई शहर मे अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण मुंबई सेंट्रल स्तिथ वोक्हार्ट  हॉस्पिटल मे महिला दिवस  के अवसर पर यहाँ काम करने वाले महिला कर्मचारियों के लिए "माय लाईफ माय राईटस " एक अनोखे मिशन की शुरुआत की है और मिशन के तहत यहाँ के महिलाओं को महिलाओं के लिए होने वाले सभी कानूनी विषयों मे जानकारी दी जाने वाली है।

चिकित्सा क्षेत्र मे सबसे अधिक महिलाए काम कर रहे है और यह योगदान के बिना यह क्षेत्र अपूर्ण है। "माय लाईफ माय राईटस " इस मिशन के तहत नॅशनल लॉ महाविद्यालय मे पढ़ाने वाले  प्रो. सौम्या उमा का चर्चासत्र आयोजित किआ गया था।  इस सत्र मे प्रो. सौम्या उमा ने कहा, "मुंबई मे रहनेवाले महिलाओं मे पुलिस, पारिवारिक हिंसा अथवा संपत्ति का हक और कानून का ज्ञान कम है और इस कारण ममहिलाओंको  बहुत परेशानीयोंका का सामना करना पड़ता है और कभी कभी हालात से निपटते कुछ महिलाएं आत्महत्या कर देती है या उनको मार दिया जाता है   सोशल मीडिया मे महिला दिन की शुभेच्छाए तक सीमित ना रहते महिलाओंने आपस में क़ानूनी इस्तेमाल  की  जानकारी  बढ़ानी चाहिए 

पासपोर्ट निकालने  के लिए अकेले  पुलिस ठाणे मे जाने के लिये महिला डरती  है तो  अत्याचार होने के बाद कोई भी महिला अकेली पुलिस थाना जा सकती है क्या? यह भी विचार किया जाना चाहिए।"  यह बात का अंत करने हेतु क़ानूनी जानकारी होना जरुरी है। वोक्हार्ट  हॉस्पिटल मे हुए इस चर्चासत्र मे १०० से अधिक महिलाओ ने सहभाग लिया था। इस समय हॉस्पिटल मे विशेष सहकार्य करने वाली परिचारिकाओं का सम्मान किया। "माय लाईफ माय राईटस"  अभियान भविष्य मे भी शुरू रहेगा और स्थानिक पुलिस ठाणे मे शिकायत कैसे दर्ज करने की और अदालत या सरकारी कार्यालय मे महिलाओं के लिए उपस्थित  अधिकार का प्रात्यक्षिक महिलाओं को दिखाया जाएगा।
Share on Google Plus

About nbn news

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment