मुम्बई: दहेज मामले
में राधे मां
की मुश्किलें बढ़ती
जा रही हैं।
मुम्बई पुलिस ने राधे
मां के नए
बयान दर्ज किए
हैं। वर्णनीय है
कि निक्की गुप्ता
ने गत वर्ष
शिकायत दर्ज करवाई
थी कि राधे
मां ने उसके
ससुरालियों के साथ
मिल कर उसे
दहेज में 65 लाख
रुपए लाने के
लिए प्रताडि़त किया
था।
बंबई उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश
बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह शहर में रहने वाली उस महिला का बयान दर्ज करे, जिसका आरोप है कि स्वयंभू माता सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां ने उसके ससुराल वालों को उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने हेतु उकसाया था। न्यायमूर्ति साधना जाधव ने निक्की गुप्ता की याचिका पर हाल ही में सुनवाई करते हुए बोरीवली पुलिस को ये निर्देश दिए। याचिका में अनुरोध किया गया था कि उसके बयान के आधार पर उसे आगे की जांच में पुलिस की मदद की अनुमति दी जानी चाहिए।
आरोपियों की सूची से हटाया गया था राधे मां का नाम
शिकायतकत्र्ता का कहना है कि पुलिस ने इस आधार पर आरोपियों की सूची से राधे मां का नाम हटा दिया कि उनके खिलाफ कोई गवाह नहीं है। निक्की ने अनुरोध किया कि पुलिस को उसका बयान दर्ज करना चाहिए और आगे की जांच करनी चाहिए। पुलिस को शिकायतकत्र्ता का बयान दर्ज करने का निर्देश देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस आपराधिक दंड संहिता के तहत आगे जांच कर सकती है। फिर भले ही आरोपी के खिलाफ लगे आरोप हटाए जा चुके हों।
बंबई उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश
बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह शहर में रहने वाली उस महिला का बयान दर्ज करे, जिसका आरोप है कि स्वयंभू माता सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां ने उसके ससुराल वालों को उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने हेतु उकसाया था। न्यायमूर्ति साधना जाधव ने निक्की गुप्ता की याचिका पर हाल ही में सुनवाई करते हुए बोरीवली पुलिस को ये निर्देश दिए। याचिका में अनुरोध किया गया था कि उसके बयान के आधार पर उसे आगे की जांच में पुलिस की मदद की अनुमति दी जानी चाहिए।
आरोपियों की सूची से हटाया गया था राधे मां का नाम
शिकायतकत्र्ता का कहना है कि पुलिस ने इस आधार पर आरोपियों की सूची से राधे मां का नाम हटा दिया कि उनके खिलाफ कोई गवाह नहीं है। निक्की ने अनुरोध किया कि पुलिस को उसका बयान दर्ज करना चाहिए और आगे की जांच करनी चाहिए। पुलिस को शिकायतकत्र्ता का बयान दर्ज करने का निर्देश देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस आपराधिक दंड संहिता के तहत आगे जांच कर सकती है। फिर भले ही आरोपी के खिलाफ लगे आरोप हटाए जा चुके हों।
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