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आज से रियल एस्टेट कानून लागू; बिल्डरों की मनमानी से मिलेगी मुक्ति

मार्च २०१६ में संसद में पास हुए कानून के तहत अब खरीददार बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं : इस क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और घरेलू एवं विदेशी निवेशकों का विश्वास बढेगा


नई दिल्लीलंबे इंतजार के बाद आज से रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) लागू हो गया है. कानून पिछले साल मार्च में संसद में पास हुआ था. नए कानून के तहत अब खरीददार बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. आरईआरए के लागू होने से हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी. इसे अब तक सिर्फ 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही लागू करने की अधिसूचना जारी की है. यह मकान खरीदारों के लिए राहत की खबर है जबकि दूसरी तरफ बिल्डरों पर मनमानी को लेकर नकेल कसी जा सकेगी.

घर खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून (Real Estate Act) यानी रेरा 1 मई यानी आज से लागू हो गया है. देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं

शहरी आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने नए कानून को रीयल एस्टेट के क्षेत्र में नई जान फूंकने वाला करार दिया. उन्होंने कहा है कि नया कानून बिल्डरों के गले पर फंदा नहीं है बल्कि इससे जो बदलाव आएगा उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलेंगे और ज्यादा खरीदार मिलने से बाजार तरक्की करेगा. उन्होंने कहा, 'इस कानून के बाद खरीददार किंग बन जाएगा.'

बहुप्रतीक्षित रीयल एस्टेट कानून आज से प्रभाव में गया है लेकिन 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ही इस कानून के तहत अबतक नियमों को अधिसूचित किया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र का बस विनियमन करेगा कि उसका गला घोंटेगा. रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून रीयल एस्टेट क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यकुशलता का वादा करता है. सरकार ने इस कानून के क्रियान्वयान को एक ऐसे युग की शुरूआत कहा है जहां खरीददार बाजार का बादशाह होगा.

सरकार ने मकानों के खरीददारों को बचाने और असली निजी रीयल एस्टेट कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए यह कानून लाया है. रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 पिछले साल मार्च में संसद से पारित हुआ था. उसकी सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो गई है. हालांकि केवल 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ही अबतक नियम अधिसूचित किए हैं. उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और बिहार, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर एवं नागर हवेली, दीव, लक्षद्वीप आदि ने नियम अधिसूचित किए हैं.

डेवलपरों को उम्मीद है कि एक मई से रीयल एस्टेट कानून लागू होने से मकानों की मांग में तेजी आएगी क्योंकि यह कानून खरीददारों को बेईमान कंपनियों से बचाएगा जबकि दाम बड़ी संख्या में बने हुए मकानों के अबतक नहीं बिकने की वजह से स्थिर बने रहेंगे.

रीयल एस्टेट डेवलपरों के दो बड़े शीर्ष निकाय- केड्राई और नारेडको महसूस करते हैं कि इस कानून के लागू होने से भारतीय रीयल एस्टेट क्षेत्र के कामकाज के तौर तरीकों में एक बड़ा बदलाव आएगा, हालांकि उन्हें उसमें प्रारंभिक कठिनाइयां नजर आती हैं. ये दोनों संगठन चाहते थे कि सरकार वर्तमान परियोजनाओं को रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के दायरे से दूर रखे लेकिन उनका सुझाव इस कानून में शामिल नहीं किया गया. पिछले साल यह कानून संसद से पारित हुआ था.
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