सीआरपीएफ के जवान रोड ओपनिंग के लिए सड़क के रास्ते से जा रहे थे. इसी दौरान जवानों पर हमला किया. नक्सली जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए
जानकारी के मुताबिक
सीआरपीएफ के कंपनी
कंमाडर समेत सात
जवान लापता है.
इसके बाद से
आशंका जतायी जा
रही है कि
कहीं नक्सलियों ने
जवानों का अगवा
तो नहीं कर
लिया है.
प्रधानमंत्री
मोदी ने भी
सुकमा हमले पर
ट्वीट किया है.
प्रधानमंत्री ने लिखा,
“छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ
जवानों पर हुआ
हमला कायरतापूर्ण और
खेदजनक है. हम
स्थिति की समीक्षा
कर रहे हैं.
हमें अपने जवानों
पर गर्व है,
शहीदों के परिवार
के प्रति संवेदनाएं.”
सभी जवान सीआरपीएफ ૭૪ बटालियन के थे. हमला उस वक्त हुआ जब सीआरपीएफ के जवान रोड ओपनिंग के लिए सड़क के रास्ते से जा रहे थे. नक्सलियों ने इसी दौरान घात लगाकर जवानों पर हमला किया. नक्सली जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए.
इस हमले के
बाद छत्तीसगढ़ के
सीएम रमन सिंह
ने एक आपातकालीन
बैठक बुलायी है.
इसके साथ ही
केंद्रीय गृह सचिव
राजीव महर्षि ने
भी हमले पर
उच्चस्तरीय अधिकारियों की बैठक
बुलायी.
गृह मंत्रालय में हुई
मीटिंग के बाद
मिली जानकारी के
मुताबिक अभी कुछ
जवानों को लेकर
सूचना नहीं मिल
पायी है. हमले
की कोई खुफिया
जानकारी नहीं थी.
सरकार एंटी नेशनल
पॉलिसी को नए
सिरे से रिव्यू
करेगी. इस हमले
के बाद सरकार
नक्सलवाद के खिलाफ
और ज्यादा आक्रामक
रणनीति अपनाएगी.
नक्सलियों का यह
हमला चिंतागुफा इलाके
में हुआ है.
यह इलाका बेहद
घने जंगल वाला
इलाका है. इस
इलाके को नक्सलियों
की राजधानी के
तौर पर भी
जाना जाता है.
11 मार्च
2017 को भी इसी
इलाके में नक्सलियों
के इलाके में
12 सीआरपीएफ जवान शहीद
हुए थे. इसके
पहले 10 मार्च को नक्सलियों
ने सुकमा में
मुखबिर होने के
संदेह में एक
सरपंच की हत्या
कर दी थी.
नक्सली हमले में
घायल जवानों के
नाम : -एएसआई आरपी हेमब्रम,
हेड कॉन्सटेबल राम मेहर,
कॉन्सटेबल स्वरूप कुमार, कॉन्सटेबल मोहिंदर सिंह, कॉन्सटेबल जीतेंद्र
कुमार, कॉन्सटेबल शेर मोहम्मद,
कॉन्सटेबल लाटू ओरान।
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