नई दिल्ली: फर्जी पासपोर्ट मामले
में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन
को पटियाला हाउस
कोर्ट की विशेष
सीबीआई अदालत ने 7 साल
की सजा सुनाई
है. इसी के
साथ 15000 रुपए का
जुर्माना भी लगाया
है.
इस मामले में बेंगलुरु
स्थित पासपोर्ट दफ्तर
में कार्यरत रहे
तीन अधिकारी को
भी 7 साल की
सजा और 15 हजार
रुपए का जुर्माना
लगाया गया है.
आपको बता दें
छोटा राजन को
आईपीसी की धारा
419, 467, 468, 420, 120b के तहत दोषी
करार दिया गया
था.
विशेष न्यायाधीश विजेंद्र कुमार
गोयल ने राजन
और अन्य को
सजा सुनाई. इसके
लिए अधिकतम आजीवन
कारावास की सजा
का प्रावधान है.
राजन के अलावा
जिन अन्य लोगों
को दोषी ठहराया
गया है उसमें
तीन सेवानिवृत्त लोकसेवक…जयश्री दत्तात्रेय राहते,
दीपक नटवरलाल शाह
और ललिता लक्ष्मणन
शामिल हैं.
राजन फिलहाल तिहाड़ जेल
में बंद है.
तीन अन्य लोग
जमानत पर रिहा
थे, उन्हें कल
फैसला सुनाए जाने
के बाद हिरासत
में ले लिया
गया.
अदालत ने 28 मार्च को
मामले में अपना
फैसला सुरक्षित रख
लिया था. इसमें
राजन ने कथित
तौर पर तीन
सरकारी अधिकारियों की मदद
से मोहन कुमार
के नाम पर
जाली पासपोर्ट हासिल
किया था. लक्ष्मणन ने अपने
मामले में मुकदमा
बेंगलुरु स्थानांतरित करने की
मांग करते हुए
हाई कोर्ट का
दरवाजा खटखटाया था. लेकिन
याचिका नौ जनवरी
को इस आधार
पर खारिज कर
दी गई थी
कि यहां की
जिला अदालत भी
मामले में सुनवाई
कर सकती है.
याचिका के लंबित
रहने के दौरान
हाई कोर्ट ने
मामले में निचली
अदालत के फैसला
सुनाने पर रोक
लगा दी थी.
हालांकि, होई कोर्ट
ने बाद में
याचिका खारिज कर दी. 27 साल तक फरार
रहने के बाद
55 वर्षीय राजन को
स्वदेश लाया गया
था. राजन पर
दिल्ली और मुंबई
में हत्या, जबरन
वसूली और मादक
पदार्थों की तस्करी
के 70 से अधिक
मामलों में मुकदमे
चल रहे हैं.
राजन को अक्तूबर
2015 में बाली में
गिरफ्तार किए जाने
के बाद भारत
लाया गया था.
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