भोपाल : मध्य
प्रदेश में शांति
बहाली और किसानों
से उनकी मांगों
पर चर्चा के
लिए प्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे
हैं। शनिवार से
भेल के दशहरा
मैदान में अनिश्चितकालीन
उपवास पर बैठे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
का कहना है
कि वह तो
किसानों के लिए
जिंदगी तक दे
देंगे। साथ ही
कहा कि पूरे
राज्य में शांति
कायम होने तक
उपवास जारी रखेंगे।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री चौहान ने ऐलान किया था कि मध्य प्रदेश में शांति के लिए वह अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे। शनिवार से शुरू हुए अनिश्चितकालीन उपवास के दौरान उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार ने बीते सालों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को शून्य प्रतिशत पर कर्ज और खाद व बीज के लिए एक लाख रुपये का कर्ज लेने पर 90 हजार रुपए जमा करने का प्रावधान किया गया है।'
उन्होंने कहा, 'जब भी किसानों पर विपदा आई वे उनके साथ खड़े हुए। मैंने कई समस्याओं और इसके समाधानों पर चर्चा की है। कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जा चूका है और कुछ पर हमें फैसला करना है। हम हर छोटे-बड़े मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। समस्या पर चर्चा करने के बाद हम निश्चित रूप से किसानों के हित में निर्णय लेंगे।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री चौहान ने ऐलान किया था कि मध्य प्रदेश में शांति के लिए वह अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे। शनिवार से शुरू हुए अनिश्चितकालीन उपवास के दौरान उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार ने बीते सालों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को शून्य प्रतिशत पर कर्ज और खाद व बीज के लिए एक लाख रुपये का कर्ज लेने पर 90 हजार रुपए जमा करने का प्रावधान किया गया है।'
उन्होंने कहा, 'जब भी किसानों पर विपदा आई वे उनके साथ खड़े हुए। मैंने कई समस्याओं और इसके समाधानों पर चर्चा की है। कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जा चूका है और कुछ पर हमें फैसला करना है। हम हर छोटे-बड़े मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। समस्या पर चर्चा करने के बाद हम निश्चित रूप से किसानों के हित में निर्णय लेंगे।
मुख्यमंत्री
ने प्रदेश में
हो रही हिंसा
पर चिंता जताते
हुए कहा कि
किसानों से चर्चा
के लिए उनके
दरवाजे खुले हुए
हैं। वे किसान
के दर्द को
समझते हैं इसीलिए
दशहरा मैदान में
बैठे हैं। वे
किसानों की हर
संभव मदद करेंगे,
फैसले लेंगे और
जरूरत पड़ी तो
वह किसानों के
लिए जान तक
दे देंगे।
उन्होंने कहा, 'पूरे राज्य में शांति कायम होने तक मेरा उपवास जारी रहेगा। मध्य प्रदेश मेरे लिए एक मंदिर है और इसके लोग मेरे भगवान हैं। लोगों का दर्द मेरा भी दर्द है।'
बता दें कि राज्य के किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को आंदोलन का अंतिम दिन है। बीते नौ दिनों के दौरान मालवा निमाड़ क्षेत्र में हिंसा और आगजनी हुई। मंदसौर में पुलिस की गोली और पिटाई से छह किसानों की मौत हो चुकी है जिसको देखते हुए वहां कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। आंदोलन की आग शुक्रवार को भोपाल तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों और आमजनों से चर्चा के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। चौहान के साथ उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी उपवास पर बैठी हैं। उपवास के दौरान सरकार बल्लभ भवन के बजाए दशहरा मैदान से चलेगी। इस बात का ऐलान मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को किया था। मुख्यमंत्री द्वारा उपवास की घोषणा के बाद दशहरा मैदान में मंच नया गया। मुख्यमंत्री के लिए अस्थाई निवास और सभा कक्ष भी बनाया गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उपवास स्थल पर मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव, सचिव और कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी मौजूद हैं। चौहान यहां किसानों से चर्चा के साथ ही स्कूल चलें हम और मिल बांचें कार्यक्रम, खरीफ फसल की तैयारी और हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे। सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा बाल भी भारी संख्या में तैनात किए गए हैं।
वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री के उपवास और दशहरा मैदान से सरकार चलाने के फैसले को नौटंकी करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि चौहान को नौटंकी करने के बजाय किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'पूरे राज्य में शांति कायम होने तक मेरा उपवास जारी रहेगा। मध्य प्रदेश मेरे लिए एक मंदिर है और इसके लोग मेरे भगवान हैं। लोगों का दर्द मेरा भी दर्द है।'
बता दें कि राज्य के किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को आंदोलन का अंतिम दिन है। बीते नौ दिनों के दौरान मालवा निमाड़ क्षेत्र में हिंसा और आगजनी हुई। मंदसौर में पुलिस की गोली और पिटाई से छह किसानों की मौत हो चुकी है जिसको देखते हुए वहां कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। आंदोलन की आग शुक्रवार को भोपाल तक पहुंच गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों और आमजनों से चर्चा के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। चौहान के साथ उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी उपवास पर बैठी हैं। उपवास के दौरान सरकार बल्लभ भवन के बजाए दशहरा मैदान से चलेगी। इस बात का ऐलान मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को किया था। मुख्यमंत्री द्वारा उपवास की घोषणा के बाद दशहरा मैदान में मंच नया गया। मुख्यमंत्री के लिए अस्थाई निवास और सभा कक्ष भी बनाया गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उपवास स्थल पर मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव, सचिव और कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी मौजूद हैं। चौहान यहां किसानों से चर्चा के साथ ही स्कूल चलें हम और मिल बांचें कार्यक्रम, खरीफ फसल की तैयारी और हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे। सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा बाल भी भारी संख्या में तैनात किए गए हैं।
वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री के उपवास और दशहरा मैदान से सरकार चलाने के फैसले को नौटंकी करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि चौहान को नौटंकी करने के बजाय किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करना चाहिए।
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