कोर्ट ने मुस्तफा और मोहम्मद दोसा, फिरोज राशिद खान, करीमुल्ला शेख, ताहिर मर्चेंट को भी 93 ब्लास्ट का दोषी करार दिया
12 मार्च,
1993 को मुंबई में हुए
सिलसिलेवार बम धमाकों
के मामले में
शुक्रवार को विशेष
टाडा अदालत अपना
फैसला सुना रही
है. इस मामले
में अबू सलेम
समेत सात आरोपियों
पर जस्टिस जी.एस. सानप
की बेंच अपना
फैसला सुना रही
है. इस केस
में गैंगस्टर अबू
सलेम को साजिश
में शामिल होने
के आरोप में
दोषी करार दिया
गया है. कोर्ट
ने सलेम को
बम ब्लास्ट का
मुख्य साजिशकर्ता माना.
साथ ही मुस्तफा
और मोहम्मद दोसा,
फिरोज राशिद खान,
करीमुल्ला शेख, ताहिर
मर्चेंट को भी
93 ब्लास्ट का दोषी
करार दिया. वहीं
एक आरोपी अब्दुल
कय्यूम को अदालत
ने बरी कर
दिया है. कोर्ट
परिसर में भारी
संख्या में सुरक्षा
बल तैनात है.
सोमवार से दोषियों
की सजा पर
सुनवाई की जाएगी.
इन दोषियों में सलेम
के अलावा मुस्तफा
और मोहम्मद दोसा
(दोसा बंधु), ताहिर
मर्चेंट, अब्दुल कय्यूम, करीमुल्ला
शेख और फिरोज
राशिद खान शामिल
हैं. अदालत ने कुछ
दिनों पहले ही
इस मामले की
सुनवाई पूरी की
थी. बम धमाके
के दोषी मुस्तफा
दोसा को साल
2004 में यूएई से
गिरफ्तार किया गया
था.
साल 2005 में अंडरवर्ल्ड
डॉन अबू सलेम
और उसकी गर्लफ्रेंड
मोनिका बेदी का
पुर्तगाल से प्रत्यर्पण
हुआ था. अन्य
पांचों आरोपियों को भी
दुबई से भारत
लाया गया था.
बहरहाल इन धमाकों
के पीड़ित परिवारों
को शुक्रवार को
सुनाए जाने वाले
फैसले का बेसब्री
से इंतजार था.
12 मार्च,
1993 को मुंबई में एक
के बाद एक
12 बम धमाके हुए
थे. बम धमाके में 257 लोगों की
मौत हो गई
थी, जबकि 700 से
ज्यादा लोग घायल
हुए थे. बताया
जाता है कि
धमाकों में 27 करोड़ रुपये
संपत्ति नष्ट हुई
थी. इस मामले
में 129 लोगों के खिलाफ
आरोपपत्र दायर किया
गया था.
साल 2007 में टाडा
कोर्ट ने 100 लोगों
को सजा सुनाई.
इसी मामले में
याकूब मेमन को
2015 में फांसी हुई थी.
ब्लास्ट से जुड़े
एक अन्य मामले
में ही फिल्म
अभिनेता संजय दत्त
अवैध हथियार रखने
के दोषी पाए
गए और उन्हें
टाडा कोर्ट ने
पांच साल की
सजा सुनाई थी.
वहीं ब्लास्ट का
मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम
1995 से फरार है.
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