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तीन तलाक के खिलाफ १० लाख मुस्लिमों ने किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली

तीन तलाक के खिलाफ शुरू हुई मुहिम और तेज होती दिख रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में BJP ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल कर जहां तीन तलाक के मुद्दे को फ्रंटफुट पर रखा, वहीं अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने इस मसले पर बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन हासिल करने का दावा किया है। MRM ने कहा है कि 10 लाख से भी ज्यादा मुस्लिमों, खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ दायर की गई याचिका पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। दावा किया गया है कि 10 लाख मुसलमानों ने तीन तलाक की प्रथा खत्म करने की अपील करते हुए इस याचिका को अपना समर्थन दिया है। ट्रिपल तलाक को लेकर विवाद नया तो नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। UP चुनाव के समय BJP ने विपक्षी दलों- खासतौर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की भी चुनौती दी थी।

कुरान के अनुसार पहले तलाक का ऐलान करने के बाद आदमी को तीन महीने तक अपने फैसले पर विचार करना होता है। इसके बाद भी अगर वह अपने फैसले पर कायम रहे तो दो बार और तलाक बोलकर ही तलाक माना जाएगा। कई इस्लामिक देशों में यह प्रथा प्रतिबंधित है, लेकिन भारत में यह मान्य है। MRM ने इस प्रथा के खिलाफ याचिका दायर की है। यह मंच RSS से मान्यता प्राप्त इस्लामिक संगठन है। बताया जा रहा है कि BJP को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हालिया जीत के बाद इस याचिका को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। मालूम हो कि BJP ने भी दावा किया है कि तीन तलाक मुद्दे पर उसके विरोध को देखते हुए भारी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने उसे वोट दिया।


BJP ने UP विधानसभा चुनाव की 403 में से 312 सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी गठबंधन को कुल 325 सीटों पर सफलता मिली। 1980 के बाद प्रदेश में इतने भारी बहुमत से जीतने वाली बीजेपी पहली पार्टी है। हालिया जनगणना बताती है कि UP की 20 करोड़ आबादी में 18 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इससे पहले भी कई महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाल चुकी हैं। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए सुप्रीमकोर्ट में कहा था कि यह प्रथा पुरुषों और महिलाओं के बीच कानूनी समानता के अधिकार के खिलाफ है। मालूम हो कि इसी महीने सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा। अदालत ने इसे एक गंभीर मामला मानते हुए संबंधित पक्षों को कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने को भी कहा था।

ट्रिपल तलाक की प्रथा का बचाव करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा है कि महिला की हत्या कर देने से बेहतर है कि उसे पहले ही तलाक मिल जाए। पर्सनल लॉ बोर्ड के इस रुख के लिए उसकी काफी आलोचना भी हुई। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ट्रिपल तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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