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आयकर विभाग की जांच में 9 लाख बैंक अकाउंट्स 'संदिग्ध' श्रेणी में

नई दिल्ली

नोटबंदी के बाद अपने बैंक अकाउंट्स में लाखों-करोड़ों रुपये जमा करवाकर आयकर विभाग के नजर में आए 18 लाख लोगों में से लगभग आधे लोगों को 'संदिग्ध' की श्रेणी में रखा गया है। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई 31 मार्च के बाद की जाएगी जब सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) योजना समाप्त हो जाएगी।
सरकार के 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजे थे। विभाग को मिले डेटा के विश्लेषण में यह बात सामने आई कि 1000 रुपये और 500 रुपये के पुराने नोट जमा कराने के लिए मिले 50 दिनों के दौरान इन लोगों ने 5 लाख से ज्यादा रुपये अपने बैंक अकाउंट में जमा कराए। आईटी डिपार्टमेंट ने इन लोगों से कहा था कि वे 15 फरवरी तक इस संबंध में सफाई पेश करें और अपने पैसे के स्रोत का खुलासा करें।
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों ने आयकर विभाग को कोई जवाब नहीं दिया, उनके पास जरूर अपने डिपॉजिट का 'बेहतर कानूनी स्पष्टीकरण' होगा और हो सकता है कि उन्होंने अपने रिटर्न में इसे शामिल करने का विकल्प चुना हो। लेकिन उसे सर्फ इनकम टैक्स रिटर्न में दिखा देने भर से काम नहीं चलेगा क्योंकि पिछले सालों की तुलना में अगर 2016-17 की कमाई में अप्रत्याशित उछाल देखा जाता है तो उसे कालाधन ही माना जाएगा और उस हिसाब से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एक सूत्र ने कहा, 'चूंकि एसएमएस और ईमेल को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है, ऐसे में आयकर विभाग को ऐसे लोगों को औपचारिक नोटिस भेजने होंगे और 31 मार्च तक इंतजार करना होगा कि जब तक कि सरकार की योजना समाप्त नहीं हो जाती। इसके बाद संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो सकेगी।' चूंकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) 31 मार्च तक लागू है, ऐसे में किसी भी जमाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई योजना समाप्त होने के बाद ही संभव है क्योंकि हो सकता है कि तब तक इनमें से कई जमाकर्ता अपनी संपत्ति की घोषणा कर के टैक्स देने का विकल्प चुन लें।
बता दें कि सरकार की इस योजना के तहत कालाधन रखने वाले लोगों को एक मौका दिया गया है कि वे अपनी घोषित संपत्ति का 50 प्रतिशत टैक्स देकर और कुल राशि का 25 प्रतिशत चार साल तक बिना ब्याज वाले खाते में जमा करवा कर पाक साफ हो जाएं।
सूत्रों ने मुताबिक कि 18 लाख में से कम से कम 9 लाख अकाउंट्स संदिग्ध माने जा रहे हैं, जबकि 18 लाख में से 5.27 लाख लोगों ने 12 फरवरी तक अपना जवाब विभाग को भेज दिया है। इन 5.27 लाख लोगों में से 99.5 प्रतिशत लोगों ने नोटबंदी के बाद अपने अकाउंट में जमा कराई गई रकम का संतोषजनक जवाब दे दिया है। यह पैसा 7.41 लाख बैंक अकाउंट्स में जमा कराया गया था।
एक सूत्र ने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो विभाग के औपचारिक नोटिस का जवाब नहीं देंगे और इनकम टैक्स रिटर्न में उसे मैनेज करने की कोशिश करेंगे। विभाग ने ऐसे 4.84 लाख लोगों की भी पहचान की है जिन्होंने -फाइलिंग पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाया है। विभाग ने ऐसे लोगों को एसएमएस भेज कर पंजीकरण कराने को कहा है।
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