मालेगांव बलास्ट केस में
जमानत मिलने के
बाद जेल से
बाहर आई साध्वी
प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस
और एटीएस पर
गंभीर आरोप लगाए
हैं. साध्वी का
आरोप है कि
कांग्रेस ने उन्हें
पूरी तरह से
खत्म करने का
षडयंत्र रचा था.
साध्वी ने एटीएस
पर उन्हें गंभीर
रूप से प्रताडित
करने का आरोप
लगाया है. खास
बात है कि
साध्वी ने मुंबई
हमले में शहीद
तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत
करकरे पर भी
आरोप लगाए हैं.
दो दिन पहले
जमानत मिलने के
बाद गुरुवार को साध्वी प्रज्ञा भोपाल में पत्रकारों
से रू-ब-रू हुई.
साध्वी ने कहा
कि एटीएस ने
उन्हें 10 अक्टूबर 2008 को सूरत
से मुंबई लेकर
गई थी. उन्हें
वहां 13 दिन तक
बंधक बनाकर रखा
गया. और पुरुष
एटीएस कर्मियों ने
उन्हें खूब प्रताडना
दी. जिसकी वदह
से अब वह
बीमार हैं.
साध्वी का कहना
है कि वह
मानसिक और शाररिक
तौर पर टूट
चुकी हैं लेकिन
आत्मबल की वजह
से लड़ रही
हैं. उनका आरोप
है कि कांग्रेस
ने उन्हें खत्म
करने का पूरा
षडयंत्र रच दिया
था. गिरफ्तारी के
बाद सिर्फ पुरुषों
ने उन्हें इतना
प्रताडित किया है
कि शायद ही
आजादी से पहले
किसी महिला के
साथ ऐसा हुआ
हो. उन्होंने मुंबई
हमले के शहीद
हेमंत करकरे समेत
कई एटीएस कर्मियों
पर प्रताडना के
आरोप लगाए.
उनका कहना है
कि भगवा आतंकवाद
की कहानी कांग्रेस
ने रची थी.
सच्चाई ये थी
कि मालेगांव बलास्ट
में इस्तेमाल की
गई मोटरसाइकिल वह
बेच चुकी थी.
अजमेर बलास्ट के
बारे में साध्वी
ने कहा कि
दो लोगों को
दोषी मानकर सजा
दी गई है.
लेकिन अदालत ईश्वर
नहीं है. अपने
बारे में वह
बोली कि वह
निर्दोष हैं और
थीं.
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा
कि वह सभी
आरोपों से अर्धमुक्त
हुई हैं. उनकी
गिरफ्तारी कांग्रेस की साजिश
थी. अब इलाज
कराने जाएंगी. 9 वर्ष
उनके साथ अन्याय
हुआ. अब जो
सरकार है, वह
षडयंत्र नहीं करेगी. एनआईए के बारे
में साध्वी बोली
कि कोई भी
एजेंसी सीधी नहीं
होती. वो अपना
काम करती है.
पत्रकारों के कई
सवाल साध्वी टाल
गई. उनके साथ
आए लोगों ने
भी उन्हें कई
सवालों के जवाब
नहीं देने दिए.
इस दौरान कई
बार उनके समर्थकों
ने नारेबाजी भी
की. प्रज्ञा ने
इससे पहले कोर्ट
को जमानत देने
के लिए कोर्ट
का आभार जताया.
उन्होंने कहा कि
उन्हें इलाज के
लिए जमानत देने
के लिए वह
कोर्ट की आभारी
हैं. अब वह
अपना इलाज कराएंगी.
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