भायंदर : हर साल
१४ फरवरी को
बड़ी ख़ुशी से
मनाया जाने वाला
प्रेमदीन मतलब वैलेंटाइन्स
डे- प्यार इजहार
करने का दिन।
पिछले कुछ वर्षो
में यह दिन
मनाने का प्रमाण
युवा पीढ़ी में
बढ़ रहा है।
मोबाइल फ़ोन्स के जरिये
इस दिन की
प्रसिधि बढ़ रही
है, परंतु यह
दिन युवा पीढ़ी
के साथ साथ
वयस्को में भी
लोकप्रिय हो रहा
है। भायंदर स्थित
वयस्क गुजराती जोड़े ने
वैलेंटाइन्स डे मनाने
के लिए १०
दिन पहले ही
एक साथ अपनी
शल्य चिकित्सा करके
युवा प्रेमियों मे
मानक बन गए
है। भायंदर स्थित
शैलेश मेहता (५६)
और काश्मीरा मेहता(५३) यह
वयस्क जोड़ा कई
दिनों से व्हेरिकोज
व्हेन (पैर के
नसों की बीमारी)
से पीड़ित था।
पैरो की हरकत कम
होने से घर
से बहार जाने
मे मुश्किल होता
था। शैलेश मेहता
और उनके धर्मपत्नी
को एक ही
बिमारी होने के
कारण बच्चों पर
निर्भर होना पड़ता
था। इस बिमारी
को लेकर वे
मीरा रोड स्थित
वोक्हार्ट हॉस्पिटल के डॉ.
हिमांशू शाह से
मिले, उन्होंने बिमारी
के लिए आधुनिक
प्रौद्योगिकीयुक्त लेजर द्वारा
शल्य चिकित्सा करने
की सलाह दी।
शैलेश मेहता हर
साल वैलेंटाइन डे
के लिए अपने
परिवार समेत उपहार
खरीदारी, सिनेमा तथा होटल
मे खाने की
योजना करके मनाते
थे लेकिन सालभर
इस बिमारी के
कारण घर से
बाहर जाना मुश्किल
हो गया था।
डॉ. हिमांशू शाह
के सलाह के
अनुसार शैलेश मेहता के
पैरो की चिकित्सा
प्रथम होने वाली
थी और कुछ
दिनों बाद उनके
धर्मपत्नी की चिकित्सा
की जाने वाली
थी, परंतु वैलेंटाइन
डे मानाने के
लिए शैलेश मेहता
ने उनकी और
उनके पत्नी की
चिकित्सा एक दिन
मे होने के
लिए अनुरोध किया।
वोक्हार्ट हॉस्पिटल के चिकित्सा
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस
अनुरोध को सम्मान
देते लेजर प्रौद्योगिकी
से यह चिकित्सा
४ फरवरी को
पूरी कर दी।
इस बारे में
अधिक जानकारी देते
हुए मीरा रोड
स्तिथ वोक्हार्ट हॉस्पिटल
के व्हेरिकोज व्हेन
तज्ञ डॉ. हिमांशू
शाह ने कहा,
"व्हेरिकोज व्हेन बिमारी पैरों
के अशुद्ध रक्त
वाहिकाओं मे गांठें
पड़ने से होती
है। इस बिमारी
के कारण पैरों
की हरकत कम
हो जाती है
और बिमारी से
पीड़ित रुग्ण को
दर्द होता है।
यह बिमारी जानलेवा
नही है, परंतु
१०० मे से
०९ लोग बिमारी
से पीड़ित है।
लगातार खड़ा रहना,
मोटापा, अनुवांशिकता और महिलाओं
मे प्रसूति के
बाद यह बिमारी
आ जाती है।
शैलेश मेहता के
दोनों पैरों पर
तथा उनकी धर्मपत्नी
के एक पैर
पर यह यशस्वी
शल्य चिकित्सा की
गई है और
हर सालकी तरह
इस साल भी
वैलंटाइन्स डे मना
सकते है।
भारत की परिवर्तित
जीवनशैली और आयुरेखा
को समेकित सोचा, तो
भारतियों को बुढ़ापा जल्द
ही आ जाता
है। इस कारण
किसी भी बिमारी
के लक्षण दिखते
ही सबसे पहले
आधुनिक शल्य प्रौद्योगिकीयुक्त
उपचार करने में
भारतीय भलाई समझते
है, यह वोक्हार्ट
हॉस्पिटल के केंद्र प्रमुख
रवी हिरवाणी ने
कहा।
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