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भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्‍ीय समूह गान व लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

मीरा रोड : संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण ये सिर्फ ५ शब्द ही नहीं बल्की एक सफल जीवन जीने के असली मायने हैं जिन पर अमल करके कोई भी मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है। इन्ही ५ शब्दों के मायनो को अपना आधार बनाकर समाज सेवा में जुटी भारत की एक जानी-मानी संस्था का नाम है भारत विकास परिषद, जिसकी स्थापना १९६३ में की गई थी और तब से लेकर अब तब ये सामाजिक संस्था समाजसेवा और मानवीय कल्याण के कार्यो में जुटी है।

भारत विकास परिषद भारत के अनेक शहरों में कल्चरल, सोश्यल, एकेडेमिक, मोरल एवं स्पिरिच्युअल कार्यक्रमों द्वारा देश में राष्ट्रीय एकता को कायम करने का कार्य कर रही है। एस संस्था का असली मकसद है समाज के धनी, शिक्षित व सभ्य व्यक्तियों द्वारा गरीब, अशिक्षित व अपाहिज बच्चों को समय-समय पर मोटिवेशन दिया जाये अैर साथ ही उनकी तन, मन और धन से सेवा में जुटा जाये।

भारत विकास परिषद की पूरे भारत में लगभग १२५० ब्रांच है, जिस में ५५ हजार से भी ज्याया फॅमिली मेम्बर हैं और कुल मिलाकर १ लाख १० हजार से भी ज्या सदस्य है। इसके लिए इनको १७ जोन और ६० प्रांतो में बांटा गया है। गत रविवार १० सितंबर २०१७ को भारत विकास परिषद द्वारा मीरा-भाईंदर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय हिंदी संस्कृत समूह गान एवं लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम मी मुख्य अतिथि मीरा-भाईंदर के मेयर डिंपल महेताने बच्चों की कला को मन से सराहा। उसके अलावा अन्य मेहमान अमित गैंदा (सीईओ, एएफअेस लि.), हसमुख गेहलोत नगरसेवक व गटनेता भाजपा, ओमप्रकाश कानुनगो आदि ने भी इस संगीतमय कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।

भारत विकास परिषद के आर. पी. शर्मा (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष), संपत कुड्या, एस. के. जैन, निरज गुप्ता, एल. आर. जाजू, जे. पी. ब्याला, राम नलोखा, अनिल शुक्ला, मानिक दागा, विद्याधर पोरवाल इत्यादि ने अपने मोजुदगी से इस कार्यक्रम में चार चांद लगाए। कार्यक्रम की संयोजिका लादिका रुके ने संचालन किया और स्कूलो को प्रोत्साहित किया। इस प्रतियोगिता में कुल १० टीम ने भाग लिया था, प्रत्येक टीम में ८ सिंगर और ३ संगीतकार थे।
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