आधार नंबर को अपने बँक अकाउंट्स, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी सुविधाओं से अब तक नहीं जोड़ पाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान की है
नई
दिल्ली, ता. १३ मार्च
: सुप्रीम कोर्ट ने आधार नंबर
को अपने बँक अकाउंट्स, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी
सुविधाओं से अब तक
नहीं जोड़ पाने वाले लोगों को बड़ी राहत
दी है। शीर्ष न्यायालय ने आज जरूरी सेवाओं
से आधार को जोड़ने की
समय-सीमा बढ़ा दी। आधार को लेकर लंबित
मामलों पर सुप्रीम कोर्ट
का फैसला आने तक यह समय-सीमा बढ़ी रहेगी। कोर्ट का यह फैसला
उन लोगों के लिए बड़ी
राहत है जो अब
तक अपने आधार को बैंक अकाउंट्स
सहित जरूरी सेवाओं से नहीं जोड़
पाए हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली
पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ
ने यह फैसला सुनाया।
संवैधानिक पीठ ने कहा कि
सरकार आधार को अनिवार्य बनाने
पर जोर नहीं दे सकती। उच्चतम
न्यायालय ने पिछले साल
१५ दिसंबर को आधार को
अनेक योजनाओं से अनिवार्य रूप
से जोड़ने की समय सीमा
३१ मार्च तक बढ़ा दी
थी। इससे पहले आधार को चुनौती देने
के संबंध में दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ
वकील श्याम दीवान ने कहा था
कि ३१ मार्च २०१८
की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है,
क्योंकि इस बात की
संभावना बिल्कुल नहीं लगती कि आधार अधिनियम
की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने
वाले मामले में सुनवाई पूरी हो जाएगी।
सरकार
ने कई तरह की
योजनाओं का लाभ लेने
के लिए आधार को बैंक अकाउंट
से लिंक करना जरुरी कर दिया था।
साथ ही मनी लॉन्डरिंग
के नियमों के तहत आधार
को बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड
से जोड़ना भी जरुरी कर
दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले
में मोबाइल नंबर को भी आधार
से लिंक करने के लिए कहा
था।
अब जब तक
आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई पूरी न हो जाय
तब तक आम जनता को बँक अकाउंट,
इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड
से जोड़ना जरुरी नहीं किया जा सकता।
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