अंधेरी से सूरत में रहनेवाले मरीजों को मुंबई की यात्रा करने की जरूरत नहीं|
प्रकाश बांभरोलिया
मीरा
रोड, ता. १३ : एडवांस हेमेटोलॉजी विभाग उत्तर मुंबई
में अपनी तरह का पहला है जो ब्लड डोनर्स डे के अवसर पर वोक्हार्ट हॉस्पिटल,
मीरा रोड में शुरू हुआ है। इस विभाग की प्रमुख डॉक्टर
डॉ. दीपांजन हलदर है जो हेमेटोलॉजी
सलाहगार , हेमेटो ऑन्कोलॉजी और बीएमटी ( बोन मेरो ट्रांसप्लांट ) के निष्णात डॉक्टर है. डॉ. दीपांजन हलदर ने हेमेटोलॉजी और वैद्यकीय शोध में समृद्ध करियर किया है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर काम किया है । क्लिनिकल हेमेटोलॉजी में अपने डीएम के पूरा होने के बाद,
उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण का अनुभव मिला है। वह वोक्हार्ट हॉस्पिटल में चिकित्सा अधिकारी
और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ; अच्छी तरह से प्रशिक्षित हेमेटो-ऑन्कोलॉजी
नर्सों द्वारा सहयोग मैं काम करेँगे |
हेमेटोलॉजी
रक्त, अस्थि
मज्जा और लिम्फ नोड्स की बीमारियों से संबंधित है| इसमें ल्यूकेमिया
जैसे कैंसर, रक्त कैंसर का एक प्रकार शामिल है; लिम्फोमा, कैंसर प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कैंसर,
लिम्फ ग्रंथियों और माइलोमा शामिल
है। रक्त के गैर कैंसर रोगों में अस्थि मज्जा विफलता (एप्लास्टिक एनीमिया),
एनामिया जैसे थैलेसेमिया, सिकल सेल एनीमिया और
हेमोफिलिया और प्रतिरक्षा थ्रोम्बोसाइटोपेनिक चित्तिता जैसे रक्तस्राव विकार शामिल
हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण कई हेमेटोलॉजिकल विकारों के लिए एक जीवन रक्षा उपचार
है और ठोस ट्यूमर का इलाज हमारे वोक्हार्ट हॉस्पिटल, मीरा रोड
में स्वतंत्र समर्पित हेमेटोलॉजी वार्ड में
किया जाएगा , ऐसी जानकारी डॉ. दीपांजन हलदर ने दी ।
इस
अवसर पर वोक्हार्ट हॉस्पिटल के सेंटर हेड रवि हिरवानी ने कहा "यह पहला अग्रिम हेमेटोलॉजी विभाग है जिसे
अंधेरी से सूरत के लिए मरीजों को लाभान्वित किया जा रहा है। मुंबई यातायात के मौजूदा
परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मरीज के साथ मुंबई यात्रा करने से समय और पैसा बर्बाद
हो रहा है । वोक्हार्ट हॉस्पिटल बीएमटी (अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण) से संबंधित विशेष
सुविधाओं से सम्पूर्ण है। हमारे पास न्यूट्रोपेनिया वाले रोगियों को अलग वार्ड समर्पित
है। न्यूट्रोपेनिक रोगी फंगल निमोनिया,
न्यूमोसाइटिस कैरिनी निमोनिया, साइटोमेगागोवायरल
संक्रमण इत्यादि जैसे अवसरवादी संक्रमण विकसित करने के लिए प्रवण हैं। इसलिए इन मरीजों
को रिश्तेदारों के न्यूनतम यातायात के साथ एक अलग वार्ड में रखा जाता है।
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